Anju Dixit

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लेखनी कहानी -25-Mar-2022पर्दा

 खुली हैं आँखे कातिल उनकी,

सारे जिस्म पे पर्दे दारी है,
 एक ही अदा से फना कर गए,
नयनों की चली जो मस्त कटारी है।
 धोखे के मौसम में , नफरत के फूल खिलेंगे,
उनको भी सहेज लेगी, दुनिया बड़ी व्यापारी है।
 सारा सरापा कपड़ों में ढका हुआ,
 सिसक रही  घर की जीनत क्या खूब अदाकारी है।
पर्दा रखो अपनी आँखों में हया का,
 किसी और के जैसी बहन बेटी तुम्हारी है।

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5 Comments

Zakirhusain Abbas Chougule

27-Mar-2022 11:26 PM

वाह वाह बहुत खूब

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Renu

26-Mar-2022 07:03 AM

बहुत ही बेहतरीन

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Swati chourasia

26-Mar-2022 06:52 AM

बहुत खूब 👌

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